सबका साथ सबका विकास वाले बजट के दस महत्वपूर्ण बिंदु

२०१४ में सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार ने यह दिखा दिया के वो कई मुद्दों पर लकीर के फ़कीर की तरह काम नहीं करने वाली | मोदी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जो अब तक के इतिहास में पिछली किसी  सरकार ने नहीं लिए थे | उनमे से कई फैसले लोगो को पसंद आये तथा कई फैसलों पर बहुत विवाद हुआ , मगर एक बात माननी पढेगी की यह सरकार फैसले लेने तथा प्रयोग करने में नहीं चूँकि | अंग्रेजो के पुराने कानूनों से लेकर अभी की प्रणाली तक सभी की समीक्षा इस सरकार में हो रही है | इसी  तर्ज पर इस वर्ष के बजट में भी वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली जी ने कुछ अनूठे प्रयोग किये हैं | उन्ही नए प्रयोगों को इस लेख में रखने का प्रयास मैंने किया है |

सर्वप्रथम बात करते हैं भारतीय रेल की , पहली बार रेल बजट अलग से पेश ना होकर आम बजट के साथ ही पेश किया गया | यही नहीं जिस तरह पिछली बार सरकार ने पुराने रेलवे प्लेटफार्म और रेलों की गुणवत्ता बढाने पर जोर दिया था , वहीँ इस बार रेल हादसों को मद्देनज़र रखते हुए १ लाख करोड़ रुपया रेलवे सुरक्षा फण्ड में रखा गया  है | यही नहीं एक नयी पोस्ट “कोच मित्र” बनायीं जायेगी जिसे हर कोच में नियुक्त किया जाएगा | यह कोच मित्र सभी तरह की समस्याओं का सिंगल विंडो हल होगा , मतलब अभी ट्रेन में सफ़र करते समय यात्रियों को अलग-अलग समस्यायों के लिए अलग अलग व्यक्तियों से संपर्क करना पढता है, मगर “कोच मित्र” के आ जाने के बाद सिर्फ कोच मित्र को समस्या बतानी होगी तथा वह उचित व्यक्ति से आपका संपर्क करवा देगा | इसी के साथ मेट्रो रेलों के उपकरणों का भी स्वदेश में निर्माण हो, इस पर भी जोर देने का प्रयास सरकार, नयी मेट्रो पालिसी में करेगी | इसी के साथ दिव्यांगो के लिए ५०० रेलवे स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगाये जायेंगे |

दूसरा विमुद्रीकरण के द्वारा काले धन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने केशलेस तथा डिजिटल मनी की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है | इसमें सबसे पहले सरकार ने IRCTC वेबसाइट पर से रेल टिकट बुक कराने पर सर्विस टैक्स माफ कर दिया है | सेल्स मशीन, बायोमेट्रिक रीडर पर भी ड्यूटी घटा दी जायेगी | भीम एप पर रेफेरल बोनस तथा दुकानदारो के लिए कैशबैक योजना भी लाने की घोषणा हुई है | यही नहीं भारत की ग्राम पंचायतो को हाई स्पीड ब्रोड्बैंड से जोड़ने के लिए सरकार ने १०,००० करोड़ रूपये के बड़े हुए बजट का प्रावधान किया है |

तीसरा, राजनैतिक दलों के चंदे पर भी सरकार ने इस बजट में नकेल कसने का प्रयास किया है | राजनैतिक पार्टियाँ जो अब तक २०,००० रूपये प्रति व्यक्ति कैश ले सकती थीं , उनके लिए यह लिमिट घटाकर महज २००० रूपये तक कर दी गयी है | यही नहीं अब सरकार राजनैतिक दलों के बांड का निर्माण करने के विषय में विचार कर रही है , जिन्हें खरीद कर किसी भी पार्टी को चन्दा दिया जा सकता है | यह किस तरह से होगा तथा कैसे होगा यह तो अभी सामने नहीं आया है , मगर निश्चित ही यह एक अलग तरह का विचार है जो अपनी तरह का अनूठा प्रयोग होगा |

चौथा, शिक्षा के क्षेत्र में,  जिस तरह से भारत में युवा शक्ति बढती ही जा रही है , उसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाने का ऐलान किया है | इससे सीबीएसई और अन्य संस्थाओं का बोझ कम होगा तथा तमाम परीक्षाएं यही एक नेशनल टेस्ट एजेंसी करवाया करेगी | एक “स्वयं” नाम के प्लेटफार्म की सरकार ने घोषणा की है जिसमे ३५० अलग अलग विषयो पर छात्र ऑनलाइन शिक्षा ले सकेंगे | इसी के साथ 100 इंडिया इंटरनेशनल स्किल सेण्टर देश भर में बनाने की घोषणा सरकार ने की है | “संकल्प” कार्यक्रम के तहत ३.५ करोड़ युवाओं को स्किल की ट्रेनिंग दी जायेगी जिससे वह रोजगार के काबिल बन सकें, इसके लिए ४००० करोड़ का फण्ड आवंटित किया गया है |

पांचवा , बेंको के साथ धोखा करके कर्जा चोरी करके विदेश भागने वाले लोगों पर भी सरकार ने कार्यवाही करने का मन बनाया है तथा यदि कोई ऐसा काम करता है तो सरकार उसकी  सारी प्रॉपर्टी जब्त करने का कानून बनाने पर विचार कर  रही है | यह फैसला तब और अहम् हो जाता है जब एक बड़े शराब कारोबारी लगभग ९००० करोड़ रूपये का कर्जा लेकर विदेश में छुपे हुए हैं |  इसलिए यह फैसला भी टैक्स चोरी करने वालो को सजा दिलवाने के मामले में अहम् है |

छठा, बुजुर्गों का ख्याल रखते हुए, सरकार, बुजुर्गों को एक स्मार्ट कार्ड देने का विचार  कर रही है जिसमे उनकी तमाम स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियां फीड होंगी | यही नहीं बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाने पेंशन स्वरुप एक निश्चित रकम देने पर भी सरकार विचार कर रही है | अभी यह पायलट प्रोजेक्ट् के तौर पर किया जाएगा बाद में शोध के आधार पर इसे बढ़ाया जा सकता है |

सातवाँ, काले धन को रोकने के लिए सरकार ने १ अप्रेल २०१७ से ३ लाख से ऊपर सभी तरह के कैश लेन- देन पर रोक लगाने का फैसला किया है | काले धन पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की टीम ने यह सिफारिश की थी | इसी के साथ डिजिटल पेमेंट के लिए सरकार ने नया रेगुलेटरी बोर्ड बनाने की घोषणा की है , ताकि डिजिटल लेन देन में आसानी हो तथा बाकी गड़बड़ियाँ न हों |

आठवा, सबसे अधिक जोर यदि इस बजट में दिया गया है तो वो है  ग्रामीण भारत पर , जिसमे सर्वप्रथम ४८,००० करोड़ रूपये मनरेगा को दिए गए हैं जिसके द्वारा शौचालय निर्माण, तालाब निर्माण, सड़क निर्माण एवं कुए निर्माण आदि गाँवों में किया जाएगा | फसल बीमा का दायरा ४० प्रतिशत तक बढाने की घोषणा सरकार ने की है | यही नहीं  ५०००  करोड़ रूपये सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को दिए गए तथा ८००० करोड़ रूपये पशुपालन को बढ़ावा देने में खर्च करने की योजना है | इसी के साथ ६४८  कृषि विकास केन्द्रों में मिटटी की जांच के लिए मिनी लेब्स बनाने की घोषणा की गयी है |

नवा, सरकार ने अधिकतर आम जनता के प्रयोग में आने वाली वस्तुओं को सस्ता किया  है , जिससे आम जनता को इन राहत मिले | इन वस्तुओ में जीवन रक्षक दवाइयां , डिब्बाबंद सब्जियां , नमक, ऑनलाइन ट्रेन बुकिंग आदि शामिल हैं | साथ ही नवीकरणीय उर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सोलर पैनल के टेम्पर्ड ग्लास सस्ते किये हैं तथा फ्यूल सेल एवं पवन उर्जा के जनरेटर भी सस्ते करने का प्रस्ताव है |

दसवा, इस बार सरकार ने वस्तुओं को मंहगा भी सोच समझ कर किया है अर्थात दाम भी अधिकतर उन चीजों के बढाए हैं जिनसे व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुचता है जैसे सिगरेट, पान मसाला, सिगार, बीडी, चबाने वाला तम्बाकू आदि |

यह थे वह दस महत्वपूर्ण बिंदु जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है के सरकार ने नवीनतम प्रयोगों के साथ “सबका साथ सबका विकास करने” की अवधारणा को इस बजट में डालने का प्रयास किया है , अब देखना यह है के क्या सरकारी मशीनरी इस बजट की अवधारणा को पुर्णतः धरातल पर उतार पाएगी ? जो भी होगा वह आने वाला वर्ष ही बताएगा , अभी तो सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है के सरकार की नियत और भावना देश के हित में है |

शुभम वर्मा (शोधकर्ता)

(लोक नीति शोध केंद्र, नई दिल्ली)

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