मोदी है तो मुमकिन है....

मोदी है तो मुमकिन है.....

10 मार्च, 2022 को भाजपा ने सभी अटकलों को दरकिनार कर एक दमदार विजय प्राप्त करी है। 4 राज्यों में मिली इस एतिहासिक विजय ने आज एक बार फिर यही संदेश दिया है कि मोदी है तो मुमकिन है…

जनता के मर्म को समझने का काम जो नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने किया है वो आने वाले भविष्य के युवा नेताओं के लिए एक ‘केस स्टडी’ के तौर पर रखा जाएगा कि किस तरह से जनता से जुड़ कर उनके मुद्दों को समझना और उनका उपाय करना ही राजनीति का एक मात्र लक्ष्य होना चाहिए। दीनदयाल जी के अंत्योदय के सपने को सामने रख कर पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुँचाने का काम जो मोदी सरकार कर रही है वही देश की राजनीती में एक सकारात्मक बदलाव ला रहा है और यह चुनावी नतीजे इसे प्रमाणित भी कर रहे है।

यह जनादेश हमारे देश की राजनीति जो पिछले 70 वर्षों में धर्म और जातियों के दलगत जाल में फसती जा रही थी उसे वहाँ से बाहर निकाल कर जन-कल्याण की ओर ले जाने वाला है। देश इस समय एक नए बदलाव को देख रहा है कि किस तरह से देश में एक नए तरह का वोट बैंक बन रहा है, जो है ‘लाभार्थियों का वोट बैंक’, यह वोट बैंक जाति और धर्म से ऊपर उठकर सरकार के काम पर वोट कर रहा है। विगत वर्षों में हमने देखा कि भाजपा ने चारों राज्यों में अपने कार्यकाल के दौरान संकल्प पत्र में जो वादे जनता से किए उनको लगभग पूरा किया और कुछ क्षेत्रों में तो वादों से भी आगे कार्य किया तभी जनता द्वारा भाजपा के किए गये कार्यों पर मोहर लगाई गयी, यह इस बात का प्रमाण है कि जनता अब जाति और धर्म के सभी समीकरणों को पीछे छोड़ राजनीतिक दलों द्वारा जनता के कल्याण के लिए किए गए कार्यों पर वोट करती है और यह बदलाव जन कल्याण के प्रति समर्पित मोदी सरकार की ही देन है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों लोगो को घर देना हो या करोड़ों घरों में शौचालय बनवाना हो, किसान की आय दोगुना हो जाये, उसके लिए जो अनेकों फैसले लिए गए हो या किसान सम्मान निधि द्वारा करोड़ों किसानों के खातों में सीधे पैसे पहुँचाना हो या फिर कोरोना काल के दौरान गरीब कल्याण योजना के तहत घर-घर अनाज देना हो, ऐसी अनेकों योजनाओं से लाभान्वित लोगो ने केंद्र सरकार की एवं राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी नीतियों को खूब पसंद किया है जिसका परिणाम हम देख रहे है। 

एक गरीब माँ के घर सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुँचाना हो या प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस का सिलिंडर देना हो, इन सभी का ही परिणाम है की जनता भाजपा की ओर ही देख रही है की यही एकमात्र राजनीतिक दल है जो जनता के हित के प्रति समर्पित है। लाल क़िले की प्राचीर से देश में शौचालय बनाने की बात हो या स्वच्छता की बात हो या फिर यह कहना की ‘माँ- बाप को अपनी बेटियों से ही नहीं बेटों से भी यह पूछना चाहिए की वो कहाँ जाते है क्या करते है’ यह सिर्फ़ कहना भर मात्र नहीं था इन सभी ने देश को एक सामाजिक बदलाव की ओर आगे बढ़ाया है।

जब बंगाल के चुनाव परिणाम आये तो देश ने देखा कि किस तरह से TMC के गुंडों ने भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्याएं की, अनेकों कार्यकताओं को प्रताड़नाएं दी, पूरे प्रदेश में हिंसा की गयी और विपक्षियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारा गया। लेकिन दूसरी ओर जब 4-4 राज्यों में भाजपा जीती तो एक भी जगह छोटी बड़ी किसी भी तरह की कोई हिंसा नहीं हुई, यही भाजपा की विचारधारा और करिश्माई नेतृत्व का कमाल है और इसी को देख कर देश बार-बार भाजपा को चुन रहा है। इन नतीजों ने गर्त में जा रही सभी परिवारवादी पार्टियों को यह सीख देने की भी कोशिश कि है कि यदि आपको देश की बदलती राजनीती में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखनी है तो उसका मात्र एक ही विकल्प है जो परिवारवाद से नहीं जन-कल्याण से होकर गुजरता है।

विगत लगभग पौने आठ वर्षों से भाजपा की केंद्र में सरकार हो या राज्यों में सरकारें हो सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व में जनता के बीच ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास और सबका-प्रयास' के मन्त्र को लेकर कार्य कर रहे है जिसका परिणाम हम चुनावी नतीजों में भली भांति देख सकते है। 

 

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